वाणी विष बन जाती अक्सर,
सुनी सुनाई बात बेकार
आँखें भी खेल करे हैं कभी
इन सब में भरम के हैं आसार,
तू अंतर मन में झांक ज़रा
तेरे पास हैं दो आधार
मौन है रक्षा कवच,
और स्मित है स्वागत द्वार ।।
IAS Officer, Deputy Election Commissioner of India
वाणी विष बन जाती अक्सर,
सुनी सुनाई बात बेकार
आँखें भी खेल करे हैं कभी
इन सब में भरम के हैं आसार,
तू अंतर मन में झांक ज़रा
तेरे पास हैं दो आधार
मौन है रक्षा कवच,
और स्मित है स्वागत द्वार ।।
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