कभी कभी सोचता हूँ,
कि क्या है सबसे पुरातन ?
गाँव, शहर, बस्ती क्या प्राचीन हैं ?
पिता, बन्धु-बान्धव, घर-परिवार,
या फ़िर मित्रता ?
किसको कहें हम पुराना ?
कहाँ हैं हमारी जड़ें ?
क्या है प्राकृतिक ?
जवाब मिलता है दुनिया के सबसे पुराने रिश्ते में,
माँ और बच्चा –
सच है,
संसार में शिशु से पुरातन कुछ भी नही।
युग बदले, लोग बदले, सभ्यता बदली,
पर बालक है वहीं का वहीं,
जैसे पहले दिन था वो कहीं।
सहज, सरल और प्राकृतिक,
किसी भी व्यक्तित्व कि परत से अछूता,
समाज और सभ्यता के आडंबर से दूर,
सच में,
शिशु ही है सर्वथा सनातन,
हर बार नवजात, किन्तु सबसे प्राचीन।
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