रंग बदलते, रूप बदलते, भाव बदलते हरपल,
जीवन के ही किस्से कहते आसमान के बादल ।
कभी ये नभ में उड़ते जाऐं बनके ऊंची पतंग,
जैसे मन में जाग रही हो कोई नई उमंग ।
कभी देख सकते हो इनमे, शेर भालू या बंदर,
कभी लगे ये भूत के साये प्रगटें अंदर के डर,
कोई बादल श्वेत जोश में भंगड़ा करता है,
कोई बोझिल श्याम रंग में सैड सांग गाता है ।
इनमे तुम जीवन के नए सपने बुन सकते हो,
और किसी बिछड़े का चेहरा भी देख सकते हो ।
इनमें जिसने जैसा चाहा वैसा रूप पिरोया,
आस निरास की धूप छाँव से बनती सारी माया ।
जीवन में जो लिखना चाहो हँसी-खुशी का लेखा,
अपने मन में खींच लो प्यारे आशाओं की रेखा ।।
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